8 अक्तूबर 2025 - 14:26
ईरान विदेश मंत्रालय ने यूरोपीय राजदूतों को तलब किया 

ईरान के उप विदेश मंत्री मजीद तख्त रवांची ने यूरोपीय राजदूतों को तलब कर ईरान का कड़ा विरोध दर्ज कराया और कहा कि ये तीनों द्वीप ईरान का अभिन्न अंग हैं, जिन पर उसकी पूर्ण और स्थायी संप्रभुता है।

इस्लामी ईरान के विदेश मंत्रालय ने यूरोपीय संघ की हस्तक्षेपकारी नीतियों और फारस की खाड़ी से जुड़े मामलों पर उसके बेबुनियाद रुख पर कड़ा विरोध दर्ज कराते हुए तेहरान में मौजूद यूरोपीय देशों के राजदूतों और मिशन प्रमुखों को तलब किया है।

विदेश मंत्रालय के अनुसार, खाड़ी सहयोग परिषद (GCC) और यूरोपीय संघ के विदेश मंत्रियों के संयुक्त बयान में ईरान के रक्षात्मक और परमाणु कार्यक्रम पर की गई टिप्पणियों तथा संयुक्त अरब अमीरात के ईरानी द्वीपों तुंबे बुज़ुर्ग, तुंबी कुचिक और अबू मूसा पर झूठे दावों के समर्थन पर ईरान ने तीव्र प्रतिक्रिया दी है।

ईरान के उप विदेश मंत्री मजीद तख्त रवांची ने यूरोपीय राजदूतों को तलब कर ईरान का कड़ा विरोध दर्ज कराया और कहा कि ये तीनों द्वीप ईरान का अभिन्न अंग हैं, जिन पर उसकी पूर्ण और स्थायी संप्रभुता है।

उन्होंने यूरोपीय संघ द्वारा खाड़ी सहयोग परिषद के एक सदस्य देश के झूठे दावे के समर्थन को अंतरराष्ट्रीय सिद्धांतों, राष्ट्रीय संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन बताया।

तख्त-रवांची ने ईरान के मिसाइल कार्यक्रम पर यूरोपीय देशों की टिप्पणियों को ईरान के आंतरिक मामलों में खुली दखलअंदाज़ी करार देते हुए कहा कि ईरान की रक्षात्मक शक्ति, जिसमें मिसाइल क्षमता भी शामिल है, उसके आत्मरक्षा के बुनियादी अधिकार का हिस्सा है और क्षेत्र में स्थिरता व सुरक्षा का स्रोत है।

उन्होंने परमाणु समझौते (JCPOA) के यूरोपीय पक्षों फ्रांस, जर्मनी और ब्रिटेन पर असहयोग, विफलता और दुर्भावना का आरोप लगाते हुए कहा कि यूरोपीय संघ, जो इस समझौते की संयुक्त आयोग का समन्वयक है, न केवल अपनी जिम्मेदारियों को निभाने में विफल रहा बल्कि विवाद निपटान तंत्र का दुरुपयोग कर राजनयिक गतिरोध पैदा किया।

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